Wednesday, April 1, 2009

Black Hole CH-50 वह कहा गई ?

डॅनियल अपने बेडरुममें सोया हूवा था लेकिन उसे ठिकसे निंद नही आ रही थी. वह निंदमें रह रहकर अपनी करवट बदल रहा था. अचानक वह चौंककर निंदसे जाग गया. उसने वैसेही पडे हूए स्थितीमें अपने बेडरुमके खिडकीसे बाहर झांका. लगभग आधी रात हो गई थी. उसने बेडपर उसके बगलमें सुझानके लिए देखा. लेकिन वह वहां नही थी. उसकी रही सही निंदभी चली गई. वह झटसे उठकर बैठ गया और उसने बेडरुममें अपनी ढूंढती हूई नजरें चारों तरफ घुमाई. सुझान बेडरुममें कही नही थी. अटॅच्ड बाथरुमका दरवाजाभी बाहरसे बंद था. वह तुरंत बेडसे निचे उतर गया और बेडरुमके बाहर चला गया. पहले उसने सुझानको किचनमें ढूढा. वह वहांभी नही थी. कहां गई होगी ?...और इतने रात गए ...वह बादमें ड्रॉईंगरुममें गया. वह वहाभी नही थी. अब उसे चिंता होने लगी थी. वह घरसे बाहर तो नही गई होगी ?...वह सामनेके दरवाजेके पास गया. सामनेका दरवाजा अंदरसे खुलाही था. मतलब वह बाहरही गई होगी....वह तुरंत उसे ढूंढनेके लिए घरके बाहर निकल गया. बाहर आंगनमें उसने उसे ढूंढा. वह आंगनमेंभी नही थी. दूर कहीसे कुतोंके रोनेकी आवाज आ रही थी. सुझानभी दिख नही रही थी और उस दर्दभरे आवाजने उसे और ही बेचैन कर दिया. वह आंगन लांघकर कंपाऊंड गेटके पास गया. गेट खोलकर उसने बाहर झांककर देखा. उसे इतनीभी सुध नही थी की गेट अंदरसे बंद था मतलब वह बाहर नही गई होगी. फिरभी उसने गेट खोलकर बाहर झांककर देखा. बाहर रस्तेपर अंधेरेके सिवा कुछ नजर नही आ रहा था. अचानक उसे अहसास होगया की उसके मकानके छतपर कुछ है. उसने पलटकर देखा. उसे छतपर सुझान अकेली बैठी हूई दिखाई दी. उपर आंसमानमें पुरा चांद दिख रहा था और उस चांदकी रोशनीमें उसे उधर मुंह करके बैठी हूई सुझानकी आकृती दिखाई दि. वह एकदम स्तब्ध अपने हाथकी तरफ या हाथमें पकडे किसी वस्तूकी तरफ अपना होशो हवास खोकर एकटक देख रही थी ऐसा प्रतित हो रहा था. डॉनियल हल्के पैरसे, कोई आवाज ना हो इसका ध्यान रखते हूए, धीरे धीरे उपर छतपर जानेके लिए सिढीयां चढने लगा. सिढीयां चढकर छतपर पहूंचनेके बाद वह एक जगह निश्चल खडा हो गया. इतनी रात गए वह अकेली यहां क्या कर रही होगी ?...उसे उसको मालूम ना होते हूए देखना था की वह क्या कर रही है. फिरसे वह धीरे धीरे अपने चलनेका आवाज ना हो इसका ध्यान रखते हूए उसकी तरफ जाने लगा. अबभी सुझानका पिछला हिस्साही उसे दिख रहा था. और आगे जानेके बाद उसे उसका सामनेका हिस्साभी दिखने लगा. वैसेतो वह अपने विचारोंमें खोई हूई दिख रही थी. लेकिन उसके हाथमें कोई छोटी चिज थी, जिसके साथ वह खेल रही थी ऐसा उसे अहसास हो गया. उसने और नजदिक जाकर देखा. वह जिस वस्तूके साथ खेल रही थी वह 'वह' चमकिला पत्थर था, जो उसे हवेलीके सामने जमिनपर पडा हूवा मिला था. वह देखतेही डॅनियलके चेहरेपर उसके बारेमे घोर चिंता के भाव उभरने लगे. क्रमश:...

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