Wednesday, April 1, 2009

Black Hole CH-36 डायरी

जाकोबने वहां बगलमें रखा अपना ओव्हरकोट पहन लिया और वह वहांसे जानेके लिए तैयार हो गया. स्टेला अबभी वही खडी थी. उन दोनोंमे एक अजिब चूप्पी. एक अजिब सन्नाटा छाया हूवा था. वातावरणमेंभी तनाव महसूस किया जा सकता था. '' ओके.. तो मै चलता हूं '' जाकोब किसी तरह बोला. उनकी एकदूसरेसे नजरे मिलानेकीभी हिम्मत नही हो रही थी. फिरभी एक पलके लिए क्यों ना हो उन्होने एक दूसरेकी तरफ देखा. जादा देर वह एकदूसरेसे नजरे नही मिला सके. स्टेलाने झटसे अपनी गर्दन झूकाई तो जाकोब वहांसे चले जानेका बहाना बनाकर दरवाजेकी तरफ मुड गया. एक पलकाभी समय ना गवांते हूए वह लंबे लंबे कदम भरते हूए वहांसे चला गया. जाए या ना जाए इस दुविधामें स्टेला उसके पिछे पिछे दरवाजेतक जाने लगी, लेकिन वह बिचमेंसेही वापस अंदर आ गई.जाकोब जाते हूए उसकी तरफ मुडकर देखते हूए बोला, '' बाय.''उसने मुडकर दरवाजेकी तरफ देखा. तो वह जा चूका था. स्टेला फिरसे दरवाजेके पास गई और उसने दरवाजा बंद कर दिया. दरवाजा बंद कर वह अंदर सुझान और डॅनियलकी तरफ जाने लगी थी तभी उसका ध्यान सोफेकी तरफ गया. सोफेपर कुछ पडा हूवा था. शायद जाकोब भूल गया होगा ...उसने सोफेके पास जाकर देखा तो वह जाकोबकी डायरी थी. जाकोब शायद भूल गया होगा. वह डायरी उठाकर जल्दी जल्दी दरवाजा खोलकर वह घरके बाहर निकल गई. शायद जाकोब अबभी गया नही होगा... बाहर आनेके बाद वह आसपास कही जाकोब दिखता है क्या यह देखने लगी. वह कही नही दिख रहा था. वह और सामने गेटतक चली गई और बाहर देखने लगी. लेकिन जाकोब नही दिख रहा था. आखिर वह नही मिल रहा है यह देखकर वह घरके अंदर वापस आने लगी. घरमें वापस आते हए वह यूंही जाकोबकी डायरी खोलकर उसके पन्ने पलटने लगी. चलते हूए वह एकदम रुक गई. डायरी पढकर उसे एक के उपर एक आश्चर्यके धक्के बैठ रहे थे. उसकी आंखे आश्चर्यसे बडी हो गई थी और चेहरेपर डर, चिंता और आश्चर्यके भाव कभी एक साथ तो कभी एक के बाद एक ऐसे आ रहे थे. डायरी पढते हूए वह घरके अंदर आ गई. घरमें हॉलमें आनेके बाद उसे एहसास हो गया की उसके पैरोकी शक्ती खत्म होकर उसके पैर एकदम क्षीण हो गए है. वह एकदमसे सोफेपर बैठ गई. पहले घटे हूए कुछ प्रसंग एक एक कर उसकी आंखोकी सामनेसे जाने लगे. -....उसे याद आगया. एक बार कॉफी हाऊसमे वे दोनों एक दूसरेके सामने बैठे हूए थे और जाकोब दोनोंके लिए कॉफी बना रहा था. उसने उसके अपने कपमें दो चमच चिनी डाली और स्टेलाके कपमें चिनी ना डालते हूए उसका कप उसको थमा दिया था. '' मै बिना चिनीकी कॉफी लेती हूं यह तूम्हे कैसे पता ?'' उसने पुछा था. '' मुझे ऐसी और काफी बाते पता है '' जाकोब मुस्कुराते हूए गुढतासे बोला था. '' तुम्हे गिब्सनने बताया होगा कभी '' वह बोली थी. और जाकोब रहस्यमय ढंगसे सिर्फ मुस्कुराया था .....स्टेला सोफेपर बैठकर जाकोबके डायरीके और पन्ने पलटने लगी. इतनेमें सुझान वहां आ गई. उसने स्टेलाकी तरफ घूरकर देखा. लेकिन स्टेलाका ध्यान उसकी तरफ नही था. स्टेलाको और एक प्रसंग याद आ गया - .....स्टेला जब उस खतरनाक ब्लॅकहोलमें छलांग लगानेवाली थी तब कैसे अचानक जाकोबने उसपर झपटकर उसे पकडकर कैसे पिछे खिंचा था...... स्टेला अबभी उस डायरीके पन्ने पलट रही थी. उसके चेहरेपर अबभी कभी आश्चर्याके, कधी डरके तो कभी चिंताके भाव दिखने लगे थे. वहा खडी होकर सुझान वह सब देख रही थी. '' स्टेला ... क्या हूवा ?... किसकी डायरी है वह ?'' सुझान अपने आपको रोक नही पाई. स्टेलाने कुछ जवाब नही दिया. वह अबभी डायरी पढनेमें मग्न थी. अचानक उसने डायरी बंद की, निश्चयके साथ वह उठकर खडी हो गई और जल्दी जल्दी घरसे बाहर निकल गई. डायरी उसके साथही थी. सुझान आश्चर्यसे उसे घरसे बाहर जाते हूए देख रही थी. स्टेलाके मनमें क्या चल रहा था यह सुझानको कुछ समझ नही आ रहा था. क्रमश:...

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