Wednesday, April 1, 2009

Black hole CH-12 साया कहा गया ?

स्टेलाके घरकी बेल बज गई. उसने सामने जाकर दरवाजा खोला तो दरवाजेमें गिब्सन खडा था. वह दरवाजा खोलनेके बाद उसकी तरफ कोई खास ध्यान ना देते हूए सिधा घरमें घुस गया. स्टेला उसकी तरफ लगातार देख रही थी. उसका चेहरा मलिन और दाढी के बाल दो चार दिनके बढे हूए दिख रहे थे. '' कहां थे ?'' स्टेलाने पुछा. गिब्सन कुछ नही बोला. '' ना फोन ना कोई संदेशा '' वह आगे बोली. फिरभी गिब्सन उससे कुछ ना बोलते हूए घरमें जा रहा था. '' मै आपसे बात कर रही हूं ... दिवारोंसे नही '' वह चिढकर बोली. फिरभी वह कुछ बोला नही. '' गिब्सन प्लीज... मै तुमसे बात कर रही हूं '' वह उसके रास्तेमें खडी होते हूए बोली. वह रुक गया, लेकिन उसकी तरफ ना देखते हूए बोला, '' मुझे लगता है हम इस बारेंमें बादमें कभी बात करें तो अच्छा होगा.... फिलहाल मै जल्दीमें हूं '' गिब्सन बेडरुममें घुस गया. स्टेला वह बेडरूममें जानेतक उसे घूरती रही. स्टेलाको उसके इस तरहके बर्तावका आश्चर्य लग रहा था. वह इससे पहले कभी ऐसा किसी अजनबीकी तरह पेश नही आया था. स्टेला किचनमें ब्रेकफास्ट बनानेमें व्यस्त थी. उसने पॅनके किनारे हलकेही एक अंडा टकराकर तोडा और अंदरके बलकको पॅनपर उंडेलते हूए पॅनपर फैलाया. इतनेमें उसे सामनेके दरवाजेका आवाज आ गया. उसने अपना ऑम्लेट बनाना रोका. गिब्सन बाहर तो नही गया ?...लेकिन वह ऐसे कैसे बिना बोले बाहर जा सकता है ?..वह किचनका काम वैसाही आधा अधूरा छोडकर सामनेके दरवाजेके तरफ लपकी. जाते हूए उसे बेडरुमका दरवाजा खुला दिखा और बेडरुममें निचे जमीनपर एक कोयलेसे निकाला हूवा चित्र पडा हूवा दिखाई दिया. उसने जाकर वह चित्र उठा लिया. जैसेही वह वह कागज लेकर खडी हो गई, बेडरुममें टेबलपर रखे किसी चिजने उसका ध्यान आकर्षीत किया. एक बडी चिख उसके मुंहसे निकल गई. किसी जानवरकी खोपडी टेबलपर रखी हूई थी. वह तुरंत बाहर आगई और सामने दरवाजेकी तरफ लपक पडी. उसे गिब्सन अपने कारकी तरफ जाता हूवा दिखाई दिया. स्टेला लगभग दौडते हूएही उसके पास पहूंच गई. '' कहां जा रहे हो ? ... और बेडरुममें वह टेबलपर क्या रखा हूवा है ?...'' उसने सांस फुले हालमें पुछा. फिरभी गिब्सन कारकी तरफ कुछ ना बोलते हूए चलता रहा. '' गिब्सन ... कुछ तो बोलो '' वह चिढकर बोली. गिब्सन एकदम रुक गया. '' मै अभी आया...'' वह उसकी तरफ मुडकर बोला और फिरसे अपनी कारकी तरफ चलने लगा.अचानक जब स्टेलाका जमिनकी तरफ ध्यान गया उसका मुंह आश्चर्यसे खुलाकी खुलाही रह गया. उसने देखा की सुबहके धूपमें आंगनमें कारका साया तो दिख रहा था लेकिन... लेकिन... गिब्सनका साया नही दिख रहा था. उसके शरीरसे एक डरकी सिरहन दौड गई. ऐसा तो वह पहली बार देख रही थी. उसे बोलना था लेकिन उसकी जुबान नही चल रही थी. अचानक कुछ पलमेंही उसका पुरा बदन पसिना पसिना हो गया. उसने फिरसे एकबार उसकी तरफ देखा और फिरसे जमीनकी तरफ देखा. सचमुछ उसका साया नही दिख रहा था. इतनी देरमें गिब्सन कारमें घुस गया, कारका दरवाजा जोरसे अंदर खिंचकर बंद कर लिया और कार शुरु की. जब स्टेला उसे लगे हादसे उभर गई, उसने आवाज दिया, '' गिब्सन''लेकिन उसका ध्यान उसकी तरफ कहा था. वह तो अपनेही विचारोंमे खोया था. वह दौडते हूए उसके पास जाने लगी इतनेमें उसकी कार दौडने लगी. '' गिब्सन सुन ...'' वह जा रहे कारके पिछे दौडते हूए पिछेसे आवाज दे रही थी. लेकिन उसकी कार अब तेजीसे दौडने लगी.'' गिब्सन '' उसने जोरसे एकबार आवाज दिया और वह रास्तेपरही रुक गई. थोडीही देरमें कार उसकी नजरोंसे ओझल हो गई. आज आधी रातको फिरसे गिब्सन उस कुंएके पास आ गया. कुंएके किनारे खडे होकर उसने उसके टॉर्चकी रोशनी कुंएमें डाली. सब कुछ कैसा काला काला अंधकारमय था. ...अंत तक... लेकिन हां ... अगर उसे कोई अंत हो तो! दो कदम वह कुंएसे पिछे हट गया और अचानक उसने कुंएमें छलांग लगाई. ना आवाज .. ना कुछ... सिर्फ सन्नाटा... काले कुंएमें अंधेरेको चिरता हूवा भयानक सन्नाटा... क्रमश:...

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