Wednesday, April 1, 2009

Black Hole CH-46 एक अलग दुनिया

सुझान, डॅनियल, ब्रॅट और बाकि पुलिस कर्मचारी हवेलीसे बाहर आकर विस्फोट हूए कुंएके इर्दगिर्द इकठ्ठा हो गए थे. आश्चर्यकी वजहसे उनकी हरकते एकदम धीमी हो गई थी. यह क्या होगया ? और क्यों होगया ? सब उनके समझ के बाहर था. स्टेला और जाकोबको सुझान दिखतेही उनके चेहरे खुशीसे दमक उठे. वे धीरे धीरे सुझानकी तरफ जाने लगे. लेकिन सुझानका उनकी तरफ कहा खयाल था. उसकी ढूंढती हूई नजर आसपास पत्थरोंके ढेरोंपर जा रही थी. '' सुझान...'' जाकोबने उसे आवाज दिया. उसे अब वही उसका भाई है यह बतानेकी जल्दी हो गई थी. लेकिन वह उसपर यकिन करेगी ?...उसके मनमें आशंका उठी. '' सुझान..'' जाकोबने फिरसे आवाज दिया. लेकिन यह क्या ? सुझान कोई प्रतिक्रिया नही दिखा रही थी. मानो उसे उसका आवाज सुनाई नही दे रहा हो. स्टॆलाने और जाकोबने एकदुसरेकी तरफ असमंजसभरी निगाहोसे देखा. '' सुझान ...'' अब स्टेलाने, और जोरसे आवाज दिया. फिरभी सुझानपर उसका कोई असर नही दिख रहा था. वे अब उसके और करीब गए. जाकोबने अपना हाथ उसके कंधेपर रख दिया. लेकिन आश्चर्य!. उसका हाथ उसके कंधेपर ना टीकते हूए निचे गिर गया. उसका हाथ मानो खोखला हो या उसका शरीर खोखला हो ऐसे उसका हाथ उसके शरीरमें जाकर बाहर आगया. एक बडा आश्चर्यका आघात हूवा हो ऐसे स्टेला और जाकोब एकदुसरेकी तरफ देखने लगे. स्टेलानेभी अपनी तरफसे सुझानका हाथ पकडनेकी कोशीश की, लेकिन उसके हाथमेंभी उसका हाथ नही आया. फिरसे वे दोनों एक दुसरेकी तरफ विस्मय और आश्चर्यसे देखने लगे. स्टेला सुझानकी तरफ मुडी और उसे फिरसे जोरसे आवाज देते हूए बुलाने लगी, '' सुझान..'' ''... तूम मुझे सुन रही हो ना ?''सुझानपर उसके बुलानेका कोई असर नही दिख रहा था. सुझान, डॅनियल, ब्रॅट और बाकि पुलिस कर्मचारी इधर उधर आश्चर्यसे देख रहे थे. वे मानो सबके सब स्टेला और जाकोबके वहांके उपस्थितीसे पुरी तरह अनभिज्ञ थे. जाकोब अब डॅनियलकी तरफ गया और उसके सामने जाकर उसका रास्ता रोकते हूए खडा हो गया. '' डॅनियल..'' जाकोबने उसे आवाज दिया. '' तूम मुझे सुन रहे हो ना ''लेकिन डॅनियल मानो जाकोबके वहांके अस्तित्वको नकारते हूए सामने सिधा चलने लगा. और क्या आश्चर्य उसे चलते हूए जाकोबकी कोई बाधा या अवरोध ना होते हूए वह सिधा उसके शरीरसे होते हूए दुसरी तरफ आगे निकल गया. लेकिन जाकोब अपनी कोशीश छोडनेके लिए तैयार नही था. वह ब्रॅटके सामने जाकर खडा हो गया, '' ऑफीसर... मेरी तरफ देखो '' जाकोब उसके आंखोकी सामने अपना हाथ हिलाकर उसका ध्यान अपनी तरफ आकर्षीत करनेका प्रयास कर रहा था. लेकिन कोई फायदा नही हो रहा था. तभी इतने लोगोंमेंसे कोई एक अपनी तरफ देख रहा है ऐसा जाकोबके ध्यानमें आगया. वह एक बुढा था. वह सिर्फ उसकी तरफ देखही नही रहा था बल्की उसकी तरफ देखते हूए मंद मंद मुस्कुराभी रहा था. '' तुम्हे कोईभी सुन नही पाएगा ... और देख भी नही पाएगा '' उस बुढेने जाकोबसे कहा. स्टेलाने उत्सुकतावश उस बुढेकी तरफ देखते हूए पुछा, '' लेकिन क्यो?'' '' क्योंकी तुम एक अलग विश्वमें हो '' उस बुढेने कहा. '' फिर आप कैसे हमें देख सकते हो और सुनभी सकते हो '' स्टेलाने पुछा. उसपर उस बुढेने जोरसे ढहाका लगाया और कहा, '' क्योंकी तूम मेरे विश्वमें हो... ... तूम, वह और मै एक अलगही विश्वमें पहूंच गए है ... या यूं कहीए हम मर चूके है ऐसा कहा तो भी चलेगा...... क्योंकी इन लोगोंकी दुनियाके लिए हम मरही चूके है ... कुछ लोग हम जैसोंको आत्मा कहते है तो कोई भूत.... लेकिन यह सच है की हम इन लोगोंको देख सकते है, सुन सकते है लेकिन वे हमे देखभी नही सकते और ना सुन सकते है ''जाकोबने और स्टेलाने असाहयतावश अपने आसपास खडे लोगोंकी तरफ देखा. सचमुछ जाकोब और स्टेला उन्हे देख, सुन सकते थे लेकिन वे उन्हे देखभी नही सकते थे और सुनभी नही सकते थे. क्रमश:...

No comments: