Wednesday, April 1, 2009

Black Hole CH - 18 सागर किनारे

शामका समय था और सागरके किनारे, बीचपर ठंडी हवा चल रही थी. काफी प्रेमी युगल सागरके किनारे मस्त समांका आनंद लेते हूए इकठ्ठा हूए थे. सुझान और डॅनियल एक दूसरेका हाथ हाथमें लेकर बीचपर फैले रेतपर धीरे धीरे चल रहे थे. चलते हूए दोनोंभी कुछ ना बोलते हूए सामने दूरतक देख रहे थे, मानो अपने भविष्यमे आनेवाले जिवनमें झांक रहे हो. '' अब लगभग पंधरा दिन हो चूके है ... मेरे भाईका अबभी कोई अता पता नही लग रहा है ...'' सुझान गंभिरतासे बोली. डॅनियल उसकी तरफ देखने लगा, मानो उसकी भावनाएं समझते हूए उसे 'मैभी तुम्हारे दुखमें तुम्हारे साथ हूं' ऐसा कह रहा हो. '' सुझान... तूम इतनी चिंता क्यों करती हो? ... हम पुरी कोशीश तो करही रहे है... '' डॅनियल उसे दिलासा देते हूए बोला. '' भलेही स्टेला उपरसे नॉर्मल दिखती हो... वह अंदरसे पुरी तरह टूट चूकी है ... मै उसे इस हालमें देख नही सकता... कभी कभी तो रातमें कभीभी उठकर वह पागलोंकी तरह रोने लगती है ... '' सुझानने कहा. '' मै तुम्हे पहलेसेही बता रहा था ...'' सुझानने डॅनियलकी तरफ प्रश्नार्थक मुद्रामें देखा. ''.... की उसे कोई अच्छे मनोचिकित्सकके पास ले जावो,... उसे काऊंन्सीलींगकी बहुत आवश्यकता है...'' डॅनियलने अपना अधूरा वाक्य पुर्ण किया. इतनेमें वही बाजुमें बैठे एक आदमीने सुझानका ध्यान आकर्षीत किया. वह आदमी एक बेंचपर बैठकर न्यूजपेपर पढनेमें व्यस्त दिख रहा था. लेकिन वह न्यूजपेपर पढनेके बहाने सुझान और डॅनियलपर अपना ध्यान गडाए था ऐसा उन्हे एहसास हूवा. '' डॅनियल देख... उस आदमीकी तरफ तो देख '' डॅनियलने उस आदमीकी तरफ देखा. उन दोनोंकी नजरे मिलनेपर वह आदमी झटसे फिरसे पेपर पढनेकी चेष्टा करने लगा. '' देख वह पेपर पढनेकी चेष्टा तो कर रहा है ... लेकिन उसका पुरा ध्यान अपनी तरफ है '' सुझानने कहा. '' लंडनके प्लेनमें बैठकर न्यूयार्क जानेकी चेष्टा कर रहा है साला '' डॅनियलने व्यंगसे कहा. यह दोनों लगातार उसकी तरफ देखकर कुछ चर्चा कर रहे है यह ध्यानमें आते ही वह आदमी वहांसे उठ गया और कुछभी नही हूवा इस अविर्भावमें वहांसे चला गया. वह आदमी दुसरा तिसरा कोई ना होकर जाकोब था. सुर्यास्त हो चूका था और बिचपर और अंधेरा छाने लगा था. आकाशमें सागरके उस पार सुर्यास्तकी लाली अबभी बाकी थी. बिचपर एक जगह सुझान और डॅनियलके दो साए आलींगनबद्ध होकर सागरके लहरोंका आनंद ले रहे थे. डॅनियलने सुझानकी तरफ एकटक देखते हूए कहा, '' हनी... मुझे लगता है की यही सही मौका है ?'''' किसलिए ?'' सुझानने पुछा. उसने उसकी आंखोमें देखते हूए पुछा, '' हम शादी कब करने वाले है ?'' सुझान बिना कुछ जताने की चेष्टा करते हूए सरलतासे बोली , '' मुझे सोचने दो ...''डॅनियल आश्चर्यसे उससे अलग होते हूए बोला, '' क्या ? ... मतलब ?'''' मतलब मुझे सोचने दो की कितने जल्दसे जल्द हम विवाहबद्ध हो सकते है ...'' सुझान मुस्कुराते हूए बोली. '' ओह माय स्वीट सुझी'' उसे खुशीसे अपनी बाहोंमें खिंचते हूए डॅनियलने कहा. वह अब उसपर आवेगयुक्त चुंबनोका वर्षाव करने लगा था. क्रमश:...

No comments: