Wednesday, April 1, 2009

Black Hole CH-45 इम्प्लोजन

हवेलीके सामने सब तरफ पत्थरोंके टूकडे फैले हूए थे और कुंएके पासतो पत्थरोंके छोटे छोटे ढेर बन गए थे. सब तरफ एक डरावना सन्नाटा फैला हूवा था. और कुंएमेंका वह ना खत्म होनेवाला अंधेरा खत्म होकर वहा कुंएके तलमें पाणी चमकने लगा था. कुंएके पास एक पत्थरके ढेरमें कुछ हरकत हो गई. उस ढेरसे धीरे धीरे एक आकृती उठकर खडी हो गई. वह स्टेला थी. खडी होनेके बाद उसने अपनी ढूंढती हूई निगाहे आसपास दौडाई. वह जाकोबको ढूंढ रही थी. वही एक जगह उसे जाकोब निचे गिरा हूवा दिखाई दिया. वह तुरंत उसके पास गई. उसने उसे सिधा कर उसका चेहरा अपनी तरफ किया. '' जाकोब ...'' खुशीसे वह उसे आवाज देते हूए बोली. लेकिन वह एकदम निश्चल था. उसने उसके शरीरको हिलाकर देखा. लेकिन कुछभी हरकत नही दिख रही थी. उसकी खुशी अब निराशामें बदलने लगी थी. '' जाकोब ... चलो उठो ... .'' वह उसे और जोरसे हिलाकर चिंतायूक्त स्वरमें बोली. फिरभी उसके शरीरमें कोई हरकत नही दिख रही थी. वह अब उसकी सांसे जांचकर देखते हूए उसे जोर जोरसे हिलाने लगी. जैसे ही उसने जाकोबके एक हाथकी उंगलियोंमे कंपन महसूस किया उसका चेहरा फिरसे खुशीसे खिल उठा. थोडीही देरमें जाकोबने धीरे धीरे अपनी आंखे खोली. उसके सामने उसकी स्टेला थी. दोनोंने आवेगसे एक दुसरेंको बाहोंमे भर लिया. उनके चेहरेपर खुशी समाये नही समा रही थी. '' सचमुछ भगवानका शुक्रिया अदा करना चाहिए की हम सही सलामत बाहर निकल गए. '' जाकोबने कहा. वे एक दुसरेकी बाहोंसे बाहर आ गए. स्टेलाने आधार देकर उसे खडे होनेमें मदद की. उनके शरीरपर जगह जगह चोटें आई थी और जख्म हो गए थे. उस ब्लॅकहोलसे बाहर निकलनेके लिए लगातार दौडनेसे वे काफी थक भी चूके थे. वे एकदुसरेको सहारा देते हूए धीरे धीरे चलने लगे. '' लेकिन यह सारे विस्फोट क्यो होगए?... कुछ तो कारण होगा ?'' स्टेलाने पुछा. '' तुम्हे पता है ... यह सब ब्लॅकहोल्स कैसे बने ?'' जाकोबने पुछा. '' नही ... कैसे बने ?'' स्टेलाने पुछा. '' ये सारे ब्लॅकहोल्स तैयार होगए वे 'इम्प्लोजन' इस प्रक्रियासे ... और वे एक दिन 'एक्सप्लोजन' इस प्रक्रियासे नष्ट होनेही वाले थे. ...'' जाकोबने कहा. '' 'इम्प्लोजन' ?'' स्टॆलाने आश्चर्यसे पुछा. '' हां 'इम्प्लोजन' यह ... 'एक्सप्लोजन' के एकदम उलटी प्रक्रिया है ... मुझे लगता है वे कृत्रिम तरीकेसे बनाए गए थे इसलिए जल्दी नष्ट हो गए. ...'' जाकोबने कहा. '' मतलब ?... कही यह विश्वभी एक दिन ऐसेही विस्फोट होकर नष्टतो नही होनेवाला ?'' स्टेलाने उसके कहनेका मतलब समझकर पुछा. '' हां एकदम बराबर ... लेकिन वह समय मानवी जिवनके हिसाबसे काफी बडा होनेसे वह इतने जल्दी नही आयेगा... कभीना कभी वह वक्त आयेगा यह निश्चित है .. लेकिन वह वक्त काफी लंबा होगा. '' जाकोबने कहा. क्रमश:...

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